नव वर्ष के आगमन के साथ सैलानियों को अपनी ओर बुला रहा राजाडेरा और घुमरी पर्यटक स्थल

पिंटू कुमार ठेठईटांगर

ठेठईटांगर: नव वर्ष के आगमन के साथ ही सभी लोग अपने-अपने परिवार के साथ पिकनिक मनाने को लेकर अलग-अलग जगह पर जाते हैं और मौज मस्ती करते हैं। नववर्ष आगमन के साथ ही ठेठईटांगर प्रखंड के राजाडेरा और घुमरी पर्यटक स्थल सैलानियों के इंतजार में अंगड़ाई ले रहा है एवं अपनी ओर बुला रहा है राजाडेरा पर्यटन की दृष्टि कौन से बहुत ही सुंदर और अद्भुत अलौकिक प्राकृतिक छटाओं भरपूर है सिमडेगा जिला मुख्यालय से लगभग 18 किलोमीटर एवं प्रखंड मुख्यालय से लगभग 6 किलोमीटर की दूरी  पर एनएच से 4 किलोमीटर अंदर पर स्थित राजाडेरा पर्यटन स्थल जिले में एक अलग ही पहचान रखता है।बताया जाता है कि किसी जमाने में यहां राजाओं का डेरा हुआ करता था, जिस कारण इसका नाम राजाडेरा पड़ा। राजा जहां आराम करते थे गुफा आज भी मौजूद है।चट्टानों के बीच कल कल करती बहती झरना,घना जंगल पेड़ पौधे लोगों को काफी मनोरम और आनंदित कर देता है।चट्टानों के बीच बहते झरने में बड़े बच्चे लोग खूब डुबकी लगाते हैं।चट्टानों और झरनों की श्रृंखला काफी लंबी है जिसे लोग देखकर नए साल का जश्न मना आनंदित हो उठते हैं।यहां नववर्ष पर सैलानियों की काफी भी उमड़ती है ।यहां जमकर मौज मस्ती करते हैं एवं यहां के सुंदर दृश्य के साथ अपने सेल्फी लेकर अपने मोबाइल कैमरे में कैद कर यादगार बनाते हैं।अन्य अवसरों पर भी यहां सैलानी आते रहते हैं यहां नागपुरी फिल्म की भी शूटिंग होती रहती है। राजाडेरा मे चार चक्का आने जाने एवं पार्किंग का उचित व्यवस्था है एवं बच्चों के लिए खिलौना के दुकान एवं चाठ फुचका का दुकान लगाया जाता है। हालांकि दिसंबर महीना शुरू होते हैं पर्यटकों का आना एवं पिकनिक मनाना शुरू हो जाता है।बताया गया मोरम रोड छोड़कर राजाडेरा पहुंचने के लिए सीढी़ नहीं होने के कारण काफी ढलान है ।जिससे पर्यटक अनियंत्रित होकर गिर सकते हैं इसीलिए राजाडेरा पिकनिक स्थल सावधानी से उतरे। नव वर्ष को लेकर यहां पर पुलिस प्रशासन की प्रतिनियुक्ति रहती है ताकि किसी प्रकार से कोई भी समस्या उत्पन्न ना हो हालांकि शाम होते ही स्थान खाली कर देने में ही बेहतर है। वही घुमरी पर्यटन स्थल जिला मुख्यालय से आठ किलोमीटर एवं प्रखंड मुख्यालय से 4 किलोमीटर रोड से 1 किलोमीटर अंदर पर स्थित घुमरी पर्यटन स्थल अपने साथ खूबसूरती की छठा बिखेरती है। ऊपर नीचे चट्टानों को चीरती हुई बहती झरना। इसकी प्राकृतिक सुंदरता हरियाली से भरा परिदृश्य लोगों को बहुत ही सुखद खुशनुमा माहौल पर्यटकों को आकर्षित करता है। हालांकि चार चक्का गाड़ी की आगमन आने-जाने की उचित व्यवस्था नहीं होने के कारण सैलानियों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है चार चक्का आने-जाने में दिक्कत हो सकता है हालांकि पर्यटकों के लिए आराम करने के लिए सरकार के तरफ से सेड एवं शौचालय का निर्माण कराया गया है ।लेकिन आने-जाने का कोई भी रास्ता नहीं है जिससे पर्यटकों को काफी परेशानी होती है। हालांकि यहां पर नववर्ष को लेकर काफी चहल-पहल का माहौल रहता है और लोग दूर-दूर से यहां पर पिकनिक मनाने के लिए पहुंचते हैं प्रशासन सुबह से लेकर शाम तक यहां पर मुस्तैद रहती है ताकि कोई भी अप्रिय घटना ना हो हालांकि शाम होते ही स्थान खाली कर दें।

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